Aa baith yahan...!!!
"Kuch is Tareh...!!"
शनिवार, 20 जुलाई 2013
पलटी तो देखा की चार - पांच छोटे बच्चे खड़े थे, उनके शारीर पे पूरे कपडे भी नही थे ...और वो बड़ी ही हसरत भरी निगाहों से उन्हें देख रहे थे, जैसे की गुब्बारे न हो हो कर आसमां में खिले हुए फूल हों, जिनका उन्हें मिल पाना असंभव हो ... वे सारे ललचाई निगाहों से उन्हें देख कर आपस में कुछ फुसफुसा भी रहे थे... और बीच बीच में गुब्बारे वाले से दबी जबान मांग भी रहे थे....
वो सिर्फ अमीर औरतों क साथ आये बच्चो को अपने गुब्बारे दिखा रहा था ताकि वो उन्हें खरीद लें... शायद उसे भी उन बच्चों को देख कर अपने बच्चों की याद आई होगी जिनके लिए घर जाते वक़्त उसे भी कुछ ले कर जाना होगा....
मैंने अपने बेटे को देखा वो बड़े प्यार से अपना गुब्बारा देख रहा था.. मैंने इशारे से उस से माँगा तो उसने उसे अपनी तरफ खींच लिया... जैसे कह रहे हो की "मैं नही दूंगा.." मैंने उसे धीरे से मांग क उस गरीब बच्चे को पकड़ा दिया... मेरा बेटा मुझे बड़ी अजीब सी निगाहों से देख रहा था... मैंने झट उसे गोद उठा लिया...
मंगलवार, 22 मई 2012
बचपन से ही ....
बड़ी तमन्ना थी ज़िन्दगी जीने की ..
हमेशा सोचती थी वो, की उसकी ज़िन्दगी ऐसे ही नहीं जाएगी ..
सब कुछ , कुछ अलग सा होगा...!
सपनों सा.. सुन्दर और अनोखा !
सब कुछ अलग सा हुआ भी.. पर उसकी सपनों की दुनिया से पूरा अलग !!
उसने कभी नही सोचा की उसे चाँद चाहिए था !
पर
उसका अपना अलग ही आसमान था !!!!!!
..............
हर सुबह की पहली किरण को देखने का दिल करता था ...
ढलती हुई शाम को मुटठी में भर महसूस करने का दिल करता था.......
हर बारिश में भीगते हुए दूर तक जाने का दिल करता था ..
ठण्ड में कोहरे की चादर ओढ़ के मुसकराने का दिल करता था ..
बहुत अलग नही था वो आसमान !
बस क्षितिज को गले लगाने का दिल करता था !!!
शुक्रवार, 18 मई 2012
"नासूर"
कुछ तूफ़ान ऐसे होते हैं,
जिन्हें तबाही से भी कोई मतलब नहीं होता..
जिसे काट के फेंक सकती नहीं
और पला जा नहीं सकता ,
जिसे देखने की हिम्मत नहीं
और सहा जा नहीं सकता ,
भूल सकती नहीं कभी...
पर इतनी गैरत तो है..
,की याद किया जा नहीं सकता !
......
गाहे बगाहे मेरी ज़िन्दगी के किस्से जुड़े हैं तुझसे कुछ इस कदर
की सब तब अलग होगा जब मैं खुद अपनी ज़िन्दगी से....
इसलिए तेरी मौत भी शायद तसल्ली न दे मुझे..
अब बस अपनी मौत का इंतज़ार है !
सोमवार, 25 अक्तूबर 2010
tab... aur ...Ab
Jab bhi vo kabhi ehsaas me bhi hota tha....
ye puri kaynaat khoobsurat lagne lagti thi...
vo khoosurat pahad dhundh se dhake hue yaad aane lagte the...
lagta tha mano main... kisi haseen jheel k uper ud rhi hun...
apni zindagi kam pad jaati thi jeene ko..
jee karta the dusron se maang kr unke hisse k pal bhi le lu..
har ek patta muskarata sa lagta tha.. aur dhoop bhi barf ki ujali chadar si....
jaise ek bachha apni maa ko dekh zindaji ko chahta h......
vaise hi ye man machalta tha sab kuch batane ko!!
Aur ab use dekh ye dhadkane badh jaati hain..
aur jee karta h kahin ja k chup jaane ko.........
ye puri kaynaat khoobsurat lagne lagti thi...
vo khoosurat pahad dhundh se dhake hue yaad aane lagte the...
lagta tha mano main... kisi haseen jheel k uper ud rhi hun...
apni zindagi kam pad jaati thi jeene ko..
jee karta the dusron se maang kr unke hisse k pal bhi le lu..
har ek patta muskarata sa lagta tha.. aur dhoop bhi barf ki ujali chadar si....
jaise ek bachha apni maa ko dekh zindaji ko chahta h......
vaise hi ye man machalta tha sab kuch batane ko!!
Aur ab use dekh ye dhadkane badh jaati hain..
aur jee karta h kahin ja k chup jaane ko.........
गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010
Papiha..
Ek ajeeb sa rang dekha har rang ka
chota utna hi saath dekha har sang ka
sang-dil samajhte nhi dil ki baat ko
allharpan ka naam mat de zazbaat ko
har baar dil se dillagi nhi hoti.........!
Har baar zamana aur chota nazar aata h
aur dil k khayalaat aur bade...
papiha hu main shayad,,,,
samandar k dayre me bhatak k yun pyasa hi mar jaunga......!!
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